यूं तो उत्तराखंड देव भूमि के नाम से अपनी देश दुनिया में पहचान रखता है, यहां कंकर में शंकर जैसी कहावतें भी चरितार्थ होती है, यहां चार धामों की अपनी विशेषता है, लेकिन यहां भागीरथी के उद्गम स्थल की पावन धरा पर नशे की फसल उगाई जा रही है, और इस नशे की फसल को लोग लघु उद्योग के रूप में कमाई का जरिया बना रहे । यहां धरासू और मोरी क्षेत्र में पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा 0.271 हेक्टेयर (14 नाली) जमीन पर अफीम की खेती को विनष्टीकरण कर नशे के कारोबारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी के निर्देशन में पुलिस नशे के अवैध प्रचलन को लेकर लगातार सख्त है, युवा पीढ़ी को नशे के चंगुल से बचाने के लिए प्रयास कर रही है। देवभूमि को 2025 तक नशा मुक्त करने की मंशा से जनपद पुलिस ने भी बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है, नशे के खिलाफ जारी अभियान के तहत गुरुवार को थाना धरासू , बणगांव हरेला गाड के पास भंडारा का सेरा नामक तोक में 0.051 हेक्टेयर (ढाई नाली) जमीन पर पैदा की गई अफीम / डोडा पोस्त की खेती का विनष्टीकरण किया गया। अवैध रूप से खेती करने वाले बणगांव निवासी तीन लोगों विरूद्ध थाना धरासू में NDPS Act के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
जबकि इसके अतिरिक्त थाना मोरी क्षेत्रान्तर्गत ढामटी थुनारा गाँव में अवैध रूप से करीब 0.220 हेक्टेयर (11 नाली) भूमि पर की जा रही अफीम की खेती को नष्ट किया गया तथा सम्बन्धित भूमि के 9 खाताधारकों के विरुद्ध NDPS Act मुकदमा पंजीकृत किया गया।