Saturday, July 27, 2024
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गृह मंत्री अमित शाह ने किया दूरदर्शन के नए सीरियल ‘स्वराज: भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा का शुभारंभ, कहा देश को हीन भावना से मुक्ति दिलाएगा स्वराज

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज शुक्रवार को नई दिल्ली में दूरदर्शन के ‘स्वराज: भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ सीरियल का शुभारंभ व स्पेशल स्क्रीनिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने अनेक प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से समय-समय पर देश को झंझोड़ने, संस्कारित करने, भावनाओं को उद्वेलित करके उन्हें चैनलाइज़ करने और अंततोगत्वा सृजनशक्ति के संग्रह का काम किया है। कहा कि भारत के भाव की अभिव्यक्ति केवल और केवल आकाशवाणी और दूरदर्शन ही कर सकते हैं।
अमित शाह ने कहा भारत में स्वराज शब्द का अर्थ स्वशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वराज शब्द अपने आप में संपूर्ण भारत को स्वतंत्र कराने और अपनी पद्धति से चलाना है। इसमें स्वभाषा, स्वधर्म, स्वसंस्कृति और अपनी कलाएं भी आती हैं। जब तक हम शाब्दिक दृष्टि से स्वराज की भावना में नहीं रंगते हैं, तब तक भारत सही अर्थों में स्वराज प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 75 सालों के शासन में हर किसी ने देश को आगे बढ़ाने के लिए पुरूषार्थ किया है।
लेकिन अगर शताब्दी के वर्ष में हम अपनी भाषाओं को ना बचा पाएं, इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक ना पहुंचा पाएं और हज़ारों साल से चली आ रही संस्कृति को ना बचा पाएं तो क्या स्वराज प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम पर शासन करने वालों ने हमारी सारी उत्कृष्ट व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था। वो हम पर शासन तभी कर सकते थे जब हमारे जनमानस में एक हीनभावना का निर्माण करें क्योंकि हर क्षेत्र में हम उनसे आगे थे। उच्च मानवीय और शासन के मूल्यों में हम उनसे कहीं आगे थे। जिस भारत ने दुनिया को गीता, वेद, शून्य और खगोल शास्त्र दिए हैं उन्होंने उसके ज्ञान को लेकर भी मिथक खड़ा करने का प्रयास किया, उन्होंने हमारी भाषाओं, संस्कृति, शासन करने की क्षमता के प्रति हीन भाव खड़ा किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 75 सप्ताह लंबा ये स्वराज सीरियल सभी भारतीय भाषाओं में अनुवादित और दिखाया जाने वाला है। ‘स्वराज’ धारावाहिक का उद्देश्य जनमानस के अन्दर हर हीन भाव को समूल उखाड़ फेंक गौरव का भाव लाना होना चाहिए, तभी हम स्वराज के उद्देश्यों को सिद्ध कर सकेंगे और यह आजादी के अमृत महोत्सव की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने युवाओं से कहा कि जो अपने इतिहास की अच्छी चीजों का गौरव नहीं करते हैं, वो कभी भी महान भविष्य की रचना नहीं कर सकते हैं। अगर देश का महान भविष्य बनाना है तो हमारे महान इतिहास का युवा पीढ़ी में गौरव पैदा करना होगा ।

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