प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोमवार को नेपाल यात्रा के दौरान हुए भारत और नेपाल के बीच बिजली व्यापार सौदे के तहत दोनों देश अब मिलकर 695 मेगावाट के हाइड्रोपॉवर प्लांट का निर्माण करने जा रहा है। जिसके तहत भारत नेपाल में हाइड्रोपॉवर प्लांट के अलावा बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए वहां अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। दरअसल नेपाल अपने देश में मौजूद बिजली की कमी को पूरा करने व स्वच्छ उर्जा उत्पन्न करने के लिए अपनी भौगोलिक स्थिति का दोहन करना चाह रहा था जिसमें अब भारत उसकी मदद करेगा।
एनईए के प्रवक्ता सुरेश बहादुर भट्टराई के मुताबिक अरुण IV परियोजना संयुक्त रूप से भारत के सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड और नेपाल की सरकारी बिजली कंपनी नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) द्वारा नेपाल के पूर्व में अरुण नदी पर संयुक्त रूप से 51% और 49% इक्विटी के अनुपात में बनाई जाएगी।
इस प्रोजेक्ट से नेपाल को 152 मेगावाट मुफ्त बिजली मिलेगी और बाकी दोनों कंपनियों के बीच 51% और 49% के आधार पर बिजली बंटेगी। सुरेश बहादुर भट्टराई के मुताबिक दोनों देशों के बीच परियोजना की कुल लागत पर काम किया जा रहा है।