अफगानिस्तान पर कब्जा करते वक्त अपने नियमों में सकारात्मक बदलाव का दावा करने वाला तालिबान अब कुछ समय बाद ही धीरे-धीरे अपने पुराने अत्याचारी अंदाज में वापस आ चुका है। जबसे अफगान की सत्ता में तालिबान काबिज हुआ हैं तबसे ही वहां मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। जिसके बाद अब एक बार फिर से तालिबान शासकों ने महिलाओं को लेकर एक बेतुका फरमान लागू किया है, जिसके तहत अफगानिस्तान की सभी महिला टीवी न्यूज एंकर्स को टेलीकास्ट के दौरान अपना चेहरा ढकना जरूरी कर दिया गया है।
जिसके बाद तालीबान के इस बेतुके फरमान की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी कड़ी निंदा की है, गुरूवार को आदेश की घोषणा के बाद, केवल कुछ मीडिया संस्थानों ने ही आदेश का पालन किया था। लेकिन रविवार को तालिबान के शासकों द्वारा आदेश को लागू किये जाने के बाद ज्यादातर महिला एंकर्स अपना चेहरा ढके हुए नज़र आई।
तालीबान के इस बयान में कहा गया है कि यह हुक्म ‘आखिरी’ है और इसमें ‘कोई तब्दीली नहीं की जा सकती, यह बयान ‘टोलो न्यूज’ और कई अन्य टीवी और रेडियो नेटवर्क के मालिकाना हक वाले मोबी समूह को भेजा गया है। ट्वीट में कहा गया है कि इस हुक्म को अफगानिस्तान के अन्य मीडिया संस्थानों में भी लागू किया जा रहा है।
आपको बता दें कि हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने महिलाओं के अकेले घर से निकलने पर, पति-पत्नी के साथ में रेस्टोरेंट में बैठने पर प्रतिबंध लगाए थे ।
वहीं अफगानिस्तान में तालिबान पोस्टर चिपका कर महिलाओं को घरों में रहने का आदेश भी दे चुका है। सत्ता में आते ही तालिबान ने लड़कियों की पढ़ाई बंद करा दी थी। इसके खिलाफ जब महिलाएं मैदान में उतरीं तो छठी कक्षा तक छात्राओं को स्कूल जाने की इजाजत मिली थी।