अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन, आगजनी या तोडफ़ोड़ में शामिल रहे किसी भी व्यक्ति को नयी सैन्य भर्ती योजना के तहत सशस्त्र बलों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने रविवार को यह कहा। सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने सेना के तीनों अंगों–थलसेना, वायुसेना और नौसेना–की मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इस नयी योजना के तहत सशस्त्र बलों में शामिल होने के सभी आकांक्षी युवाओं को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे प्रदर्शन या आगजनी की घटनाओं में शामिल नहीं थे।
सशस्त्र बलों में चार साल के सेवा काल के लिए संविदा आधार पर भर्ती का प्रावधान करने वाली नयी योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन होने के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है। सरकार ने बीते मंगलवार को इस नयी योजना की घोषणा की थी। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने तीनों सेनाओं की मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ”भारतीय सशस्त्र बलों की बुनियाद अनुशासन है। आगजनी के लिए कोई जगह नहीं है। यदि आप अपना गुस्सा दिखाते हैं और वार्ता में शामिल होते हैं तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन आगजनी और तोडफ़ोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। ” उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिये सशस्त्र बलों में भर्ती होने के आकांक्षी प्रत्येक व्यक्ति को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे प्रदर्शन, आगजनी या तोडफ़ोड़ की घटना में शामिल नहीं थे।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निपथ के खिलाफ आगजनी और हिंसा का हिस्सा रहे युवा सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि योजना के तहत किसी को भी भर्ती करने से पहले पुलिस सत्यापन कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ”अग्निपथ योजना के जरिये सशस्त्र बलों में शामिल होना चाह रहे प्रत्येक व्यक्ति को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे ना तो किसी प्रदर्शन का हिस्सा थे, ना ही किसी हिंसा में शामिल थे। पुलिस सत्यापन के बिना कोई भी व्यक्ति सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो सकेगा…हमने प्रावधान किये हैं। ”
उन्होंने दावा किया प्रदर्शनकारियों को शत्रुवत तत्वों और कुछ कोङ्क्षचग संस्थानों ने उकसाया। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए इन कोचिंग संस्थानों में अध्ययन कर रहे करीब 70 प्रतिशत (सेना में भर्ती के आकांक्षी) युवा गांवों से हैं। उन्होंने कहा, ”वे कर्ज लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें इन कोचिंग संस्थानों ने आश्वासन दिया था और उन्हें सड़कों पर उतारने में उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। ” उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है तो वह अग्निवीर नहीं बन सकता। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने युवाओं से भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी शुरू करने की भी अपील करते हुए कहा कि शारीरिक फिटनेस जांच में सफल होना आसान नहीं होता है।
उन्होंने कहा, ”थलसेना, नौसेना और वायुसेना ‘फिजिकल फिटनेस टेस्ट’ की तैयारी करने और नियम व शर्तों को समझने के लिए युवाओं को 45 से 60 दिनों का समय देती है ताकि आप हमारे पास आने के लिए तैयार हो जाएं। ” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ लगातार दूसरे दिन एक बैठक करने के कुछ घंटों बाद रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में तीनों सेनाओं की मीडिया ब्रीङ्क्षफग हुई। संवाददाता सम्मेलन में तीनों सेनाओं ने अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती के लिए एक व्यापक समय सीमा की घोषणा की।