Saturday, July 27, 2024
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देहरादून– एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल फॉर हैण्डीक्राफ्ट्स द्वारा किया गया इण्डिया जीआई फेयर-2022’’का आयोजन, उत्तराखंड के ये खास उत्पाद भी शामिल

भौगोलिक विविधता को बढ़ावा देने और विश्व बाजार में भारत के जीआई टैग उत्पादों की ब्राण्ड छवि बनाने के लिये भारत के सभी राज्यों से जीआई उत्पादों/शिल्प से सम्बन्धित मेले इण्डिया जीआई फेयर-2022’’का आयोजन एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल फॉर हैण्डीक्राफ्ट्स, नई दिल्ली द्वारा दिनांकः 26 से 28 अगस्त, 2022 को इण्डिया एक्सपो सेन्टर एण्ड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में किया जा रहा है। इसका उद्घाटन आज शनिवार को यू0पी0 सिंह, सचिव, टैक्सटाईल, भारत सरकार द्वारा किया गया। आज दिनांकः 27 अगस्त, 2022 को मेले के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड सरकार के मंत्री, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, समाज कल्याण, परिवहन, अल्पसंख्यक कल्याण, खादी एवं ग्रामोद्योग, उत्तराखण्ड सरकार चन्दन रामदास मौजूद रहें। मंत्री, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, समाज कल्याण, परिवहन, अल्पसंख्यक कल्याण, खादी एवं ग्रामोद्योग, उत्तराखण्ड सरकार चन्दन रामदास द्वारा राज्य पैवेलियन का अवलोकन किया गया, साथ ही मंत्री द्वारा अन्य राज्यों के भी पैवेलियन का भ्रमण किया गया। मंत्री द्वारा राज्य पैवेलियन में प्रदर्शित किये जा रहे जीआई टैग उत्पादों की सराहना की गयी। भौगोलिक संकेतांक(जीआई) टैग, विशिष्ट भौगोलिक उत्पादों के पहचान को प्रतिष्ठित करने वाला चिन्ह् है। देश में जीआई टैग के लिये लगभग 390 से अधिक उत्पादों को पंजीकृत किया गया है, जिसमें से 200 से अधिक उत्पाद हथकरघा व हस्तशिल्प से सम्बन्धित है।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के मेले से हमारी सामूहिक बौद्धिक विरासत और लोकाचार के संरक्षण के साथ ही इसकी वैश्विक स्तर पर पहचान भी बनेगी।सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य के 07 उत्पादों(उत्तराखण्ड भोटिया दन, उत्तराखण्ड ऐंपण, उत्तराखण्ड रिंगाल क्राफ्ट, उत्तराखण्ड टम्टा उत्पाद, उत्तराखण्ड थुलमा, कुमाऊँ च्यूरा ऑयल एवं मुनस्यारी राजमा) को जीआई टैग प्राप्त होने के बाद इसकी विषिश्ट पहचान पूरे भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में इन उत्पादों की एक पहचान होगी। अब इन उत्पादों की मार्केट में ब्रान्डिंग बढ़ने से अधिक डिमाण्ड बढ़ेगी तथा उनको अच्छा मूल्य प्राप्त होगा, जिससे इन उत्पादों से जुड़े हुये उत्पादक सीधे-सीधे लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य उत्पादों(जैसे मोमबत्ती, कुमाऊँनी रंगवाली पिछौड़ा, उत्तराखण्ड पंखी, चमोली वूडन रम्माण मास्क, उत्तराखण्ड लिखाई-वूड कार्विंग क्राफ्ट, नेटल फाइबर आदि) का भी जीआई टैग किये जाने का कार्य गतिमान है।
राज्य में जीआई प्राप्त उत्पाद ऐंपण एवं रिंगाल के संर्वद्धन हेतु राज्य सरकार द्वारा हल्द्वानी एवं पीपलकोटी(चमोली) में ग्रोथ सेन्टर की भी स्थापना की गयी है। मंत्री द्वारा राज्य में स्थापित ग्रोथ सेन्टर एवं ODTP योजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादों तथा जीआई टैग उत्पादों को भी बढ़ावा दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
इस आयोजन में उत्तराखण्ड राज्य से उत्तराखण्ड ऐंपण, उत्तराखण्ड टम्टा उत्पाद, उत्तराखण्ड भोटिया दन, उत्तराखण्ड रिंगाल क्राफ्ट उत्पाद, हिमाद्रि इम्पोरियम(यूएचएचडीसी), नयना देवी ग्रोथ सेन्टर, उल्का निधि स्वायत् सहकारिता, पिथौरागढ़, दलीप मेटल वर्क्स, बागेश्वर, एकता आर्य-एकान्कृत ऑफिशियल सहित 16 शिल्पियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
इस अवसर पर मृत्युजंय सिंह, संयुक्त निदेशक उद्योग, उद्योग निदेशालय, उत्तराखण्ड, विपिन कुमार, महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र, हल्द्वानी, के0सी0 चमोली, मुख्य लेखा परीक्षक, उद्योग निदेशालय, ईपीसीएच के अधिकारी तथा राज्य के शिल्पी एवं कृषक व विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

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