भीमताल डैम में पानी का हो रहा रिसाव व पड़ी दरारें, हल्द्वानी के साथ ही तराई के बड़े इलाके पर हो सकता है खतरा,( पढ़ें विशेष)-
जीवन पांडे-
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल डैम में बड़े पैमाने पर पानी का रिसाव हो रहा है, एक रिपोर्ट के अनुसार विभाग मरम्मत की बात कह रहा है, डैम में दरारें पड़ गई हैं, केंद्रीय स्तर पर गठित डैम सेफ्टी रेस्क्यू पैनल की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि होती है कि डैम में दरार पड़ने से व पानी रिसाव होने के कारण खतरा हो सकता है,
बांध की सुरक्षा के लिए हर 4 से 5 वर्ष में( डीएसआरपी) डैम का निरीक्षण करता है, इसी के तहत छह सदस्यों द्वारा बीते वर्ष दिसंबर में भी भीमताल डैम का निरीक्षण किया गया था,
हालिया रिपोर्ट में जो जानकारी मिली है कि डैम से काफी मात्रा से पानी का रिसाव हो रहा है और इसे अति शीघ्र मरम्मत की आवश्यकता है,
भीमताल डैम का निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में 1880 में हुआ था, वही अंग्रेजों ने इसकी उम्र 100 वर्ष आंकी थी ,इस डैम का निर्माण उड़द की दाल वह चूने के साथ पत्थरों को जोड़कर किया गया था, इंग्लैंड की महारानी क्वीन विक्टोरिया के नाम पर इसका नाम विक्टोरिया भीमताल डैम रखा गया,
भूगर्भ वैज्ञानिक प्रोफेसर सीसी पंथ के अनुसार भीमताल डैम करीब डेढ़ सौ साल का हो गया है, ऐसे में यदि बड़ा भूकंप या कोई आपदा आई तो इस बात को लेकर आशंका है कि यह डैम झेल नहीं पाएगा, ऐसे में हल्द्वानी के साथ तराई के बड़े इलाके के लिए खतरा हो सकता है,
वही एके वर्मा( ईई सिंचाई विभाग सदस्य रिव्यू पैनल) का कहना है कि भीमताल बांध मैं हर 5 साल में जांच वह मरम्मत की जाती है, बाद में समय के साथ कुछ तकनीकी चुनौतियां आ रही हैं, मरम्मत के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा,
