Saturday, July 27, 2024
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सेना डिजाइन ब्यूरो ने डीएफआई के साथ किया समझौता, भारतीय सेना को मिलेंगे उच्च क्षमता वाले ड्रोन

भारतीय सेना की ओर से आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और संबद्ध तकनीकों के अनुसंधान, विकास, परीक्षण व निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे भारतीय सेना को इनके परिचालन में सहायता मिल सकती है। यह समझौता ज्ञापन हमारे उद्योग को सहायता देने में भारतीय सेना की प्रमाणित प्रतिबद्धता और रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की सोच के अनुरूप स्वदेशी उपकरण व हथियार प्रणालियों को विकसित करने के लिए व्यापक इकोसिस्टम को भी दिखाता है।

आर्मी डिजाइन ब्यूरो, भारतीय सेना की नोडल एजेंसी है जो उद्योग, अकादमिक, डीआरडीओ और डीपीएसयू के साथ अनुसंधान व विकास प्रयासों के लिए सुविधा प्रदाता है, जिससे वे उपयोगकर्ता की जरूरतों को गहराई से समझ सकें और उनकी सराहना कर सकें। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया नीति में बदलाव लाकर, व्यापार के अवसर सृजित करके, एक मजबूत कौशल अवसंरचना विकसित करके, प्रौद्योगिकी व ज्ञान हस्तांतरण की सुविधा, मानकों को विकसित करके और उद्योग- अकादमिक सहयोग के साथ अनुसंधान व विकास के प्रयासों को प्रोत्साहित कर ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देता है।

भारतीय सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के बीच यह समझौता ज्ञापन उद्योग व अकादमिक क्षेत्र को भारतीय सेना द्वारा खरीद के लिए विशिष्ट तकनीक तथा उत्पादों को विकसित करने में सहायता करने के प्रयासों को बढ़ावा देगा। नए समझौता ज्ञापन के अनुसार दोनों पक्ष निम्नलिखित क्षेत्र में सहयोगात्मक रूप से काम करने को लेकर सहमत हुए हैं: –
1– भारतीय सेना में ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और संबद्ध तकनीकों के लिए एक रोडमैप तैयार करना।

·2– ड्रोन और संबंधित हिस्सों के डिजाइन, प्रोटोटाइप, परीक्षण तथा निर्माण को सक्षम करने के लिए परीक्षण स्थलों की उपलब्धता के माध्यम से ड्रोन व संबंधित तकनीकों के अनुसंधान, विकास, परीक्षण और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देना।

3–उद्योग, अकादमिक और सशस्त्र बलों के सदस्यों के साथ समूहों में लक्ष्य-आधारित प्रौद्योगिकी अनुसंधान कार्यक्रम विकसित करना।
4– उद्योग और सशस्त्र बलों के उपयोगकर्ता समूहों की सहभागिता में क्षेत्र परीक्षणों के लिए आउटरीच को सक्षम करना।
5–भारतीय उद्योग के भीतर क्षेत्र परिदृश्यों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों व अन्य विशेषज्ञों की सेना बेस और अन्य परिचालन पदों के दौरे के साथ-साथ उद्योग की क्षमताओं तथा विकास को समझने के लिए उद्योग सदस्यों के कारखाना परिसर में सेना के प्रतिनिधियों की यात्रा की सुविधा।

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