Sunday, June 16, 2024
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ब्रेकिंगः किसानों ने 27 तक टाली संयुक्त बैठक, बुधवार को कानून निरस्त करने के फैसले को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल से मिल सकती है मंजूरी

नई दिल्ली। आज दिल्ली में होने वाली किसानों की बैठक को स्थगित करते हुए 27 नवम्बर तक टाल दिया गया। यह फैसला खुद किसानों के संगठनों द्वारा लिया गया। बैठक को स्थगित करने का कारण यह बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को कानूनों को निरस्त करने के फैसले को मंजूरी दे सकता है। अब बैठक को 27 नवंबर को सुबह 11 बजे तक होगी। किसान नेता का कहना है कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 नवंबर को संसद तक मार्च निकाला जाएगा। यह बयान पीएम मोदी द्वारा शुक्रवार को घोषणा किए जाने के बाद आया है कि केंद्र ने कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है। संयुक्त किसान मोर्चा की विस्तार से बैठक टलने के बाद एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि वह अपनी मांगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखेंगे। और विस्तार से 27 नवंबर को बैठक की जाएगी। कृषि कानून आंदोलन को लेकर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा भविष्य में उठाए जाने वाले कदम पर निर्णय लेने के लिए 27 नवंबर को बैठक करेगा। किसान कृषि कानून विरोधी आंदोलन का एक साल पूरे होने पर 29 नवंबर को संसद तक पहले से निर्धारित मार्च पर आगे बढ़ेंगे। किसानों ने कोई औपचारिक घोषणा करने से पहले इंतजार करने का फैसला किया है कि अब उनकी कार्रवाई क्या होगी और क्या वे औपचारिक रूप से अपना विरोध समाप्त करेंगे। शनिवार को एसकेएम कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने कहा था कि किसान समूहों को शीतकालीन सत्र के दौरान एमएसपी मुद्दे और संसद तक दैनिक ट्रैक्टर मार्च पर चर्चा करनी है, जिसकी उन्होंने अपनी बैठक में योजना बनाई थी। किसान कहते रहे हैं कि हालांकि तीन कानूनों को निरस्त करने की उनकी मांग को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक कानून की उनकी अन्य मांग को अभी तक लागू नहीं किया गया है। 27 नवंबर को उनकी बैठक तक किसानों के कार्यक्रम अब मूल योजना के अनुसार जारी रहेंगे। 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली महापंचायत को फिलहाल रद्द नहीं किया गया है। 

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