नई दिल्ली। राजीव कुमार ने आज रविवार को भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन,नई दिल्ली में भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया। राजीव कुमार 1 सितंबर,2020 से चुनाव आयुक्त के रूप में चुनाव आयोग में कार्यरत हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान,कोविड महामारी की चिंताओं के बीच 2020 में बिहार की राज्य विधानसभा चुनाव, मार्च-अप्रैल 2021 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और हाल ही में 2022 की शुरुआत में गोवा,मणिपुर,पंजाब,उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश के लिए भी विधानसभा चुनाव हुए हैं।
सीईसी के रूप में कार्यभार संभालने के बाद राजीव कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान द्वारा उपहार में दिए गए बेहतरीन संस्थानों में से एक चुनाव आयोग का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने से वो सम्मानित हुए हैं, यह वह संस्थान जो हमारे देश में लोकतंत्र को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि पिछले सत्तर वर्षों के दौरान चुनाव आयोग ने हमारे नागरिकों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव देने,मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने,कदाचार को रोकने और हमारे चुनावों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा कि, “संविधान के तहत किसी भी बड़े सुधार को लाने के लिए आयोग परामर्श और सर्वसम्मति निर्माण के लिए पहले अपनाए गए उपाय और लोकतांत्रिक तरीकों का पालन करेगा और आयोग कड़े फैसलों से पीछे नहीं हटेगा।”
कुमार ने यह भी कहा कि बेहतर चुनाव प्रबंधन और संचालन के लिए पारदर्शिता लाने और मतदाता सेवाओं को आसान बनाने के लिए प्रक्रियाओं और प्रथाओं को सरल करने के लिए प्रौद्योगिकी को प्रमुख साधन बनाया जाएगा।
कौन हैं नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार
राजीव कुमार बिहार/झारखंड कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो फरवरी 2020 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके अलावा राजीव कुमार ने भारतीय रिजर्व बैंक,एसबीआई, नाबार्ड के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक के रूप में भी काम किया है।
इसके साथ ही राजीव कुमार आर्थिक खुफिया परिषद (ईआईसी) के सदस्य, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) के सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) के सदस्य, और ऐसे कई अन्य बोर्डों और समितियों के बीच वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) के भी सदस्य रहे हैं।