17-18 अक्टूबर को चमोली जिले की सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के भलगांव में बारिश से काफी क्षति हुई थी जिसके बाद ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से गांव में हो रहे भूस्खलन के स्थाई समाधान के लिए विस्थापन की मांग की थी, लंबे समय बाद भी शासन और प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं किए जाने से ग्रामीण आक्रोशित हैं।
पिछले माह बारिश के चलते जोशीमठ ब्लॉक के भलगांव में कई परिवार भूस्खलन की चपेट में आ गए थे और जगह-जगह गांव में दरारें आ गई थी जिससे लोग दहशत में आ गए। मामले को लेकर शासन और प्रशासन को अवगत कराया गया कि कभी भी भविष्य में गांव किसी बड़े खतरे की जद में आ सकता है जिसको लेकर शासन और प्रशासन से ग्रामीणों ने निवेदन किया था कि गांव को बचाने के लिए स्थाई समाधान किया जाए। ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट और गढ़वाल सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी गांव में पहुंचे थे। जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि बहुत जल्द उनकी समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा। ग्रामीणों ने सांसद और विधायक के सामने भी गांव में बिगड़ते हालात को देखते हुए स्थाई विस्थापन की मांग भी रखी थी लेकिन वर्तमान समय तक भी किसी तरह की कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
गांव के हुकम सिंह का कहना है बलगांव की सुरक्षा के लिए स्थाई समाधान नहीं किया जाता है तो 2022 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा लगातार शासन और प्रशासन के सामने अपने गांव को बचाने या फिर गांव के विस्थापन की मांग को लेकर लेकिन शासन प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की सकारात्मक बात उनके सामने नहीं रखी गई है। ऐसे में अब ग्रामीण लगातार अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे है और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वहीं ग्रामीण महिला विजय देवी का कहना है कि जिस तरह के हालात वर्तमान में देखने को मिल रहे हैं, आने वाले समय में बरसात के मौसम में यहां पर रहना खतरे से खाली नहीं होगा। ऐसे में ग्रामीणों को मजबूरन गांव को छोड़ना पड़ सकता है और अगर गांव नहीं छोड़ते हैं तो किसी किसी भी तरह के हालात से ग्राम वासियों को गुजरना पड़ सकता है। सरकार मामले को गंभीरता से लें और भलगांव के विस्थापन की प्रक्रिया करें।
सीमान्त भलागांव अब आपदा की जद में शासन प्रशासन को लिखित मौखिक रूप से ज्ञापन भी दिया। विधायक महेंद्र भट्ट सांसद तीरथ सिंह रावत भी क्षेत्र मे पहुचे थे, लेकिन उन्होंने भी कोई सुध नही ली। यही हालत रहे तो ग्राम पंचायत को जल्द विस्थापन की मांग करनी होगी। ग्रामीणों का कहना है कि यही स्थिति रही गांव की तो हम चुनाव बहिष्कार करेंगे। आज ग्रामीण भय के माहौल में जी रहे है, डर-डर कर घरो में रहने को मजबूर ग्रामीणों का जल्द सुध ले सरकार। मुखेश रावत ग्राम प्रधान ने कहा कि शासन-प्रशासन, मुख्यमंत्री, विधायक धन सिंह रावत को लिखित रूप में ज्ञापन दिया गया। ग्रामीण हुक्कम सिंह का कहना है कि यही हालत रहे तो 2022 चुनाव बहिष्कार होगा सीमान्त घाटी नही करेगी वोट।