भीमताल::- आज देवभूमि पहाड़ में अधिकांश देखा जा रहा है कि यहाँ बाहरी राज्यों से लोग आकर पहाड़ के सीधे सादे लोगों को बरगलाकर व मीठे सपने दिखाकर अनाप-सनाप यहाँ जमीन खरीद रहें है और फिर आलीशान कंक्रीट का महल खड़ा कर उनमे बोरिंग खोदी जा रही हैं। जबकि जिस गाँव,कस्बे में ये बोरिंग खोदी जाती है वहाँ के स्थानीय लोगों के पीने के पानी को सुखाया जा रहा है इससे पूरे पहाड़ की जनता परेशान है बाहरी बाहुबलियों के सामने जन्म से रहने वाले स्थानीय लोगों की सरकार एवं प्रशासन भी पैरवी नहीं कर रहा है। दिनों-दिन अनगिनत पेयजल बोरिंग की इन पहाड़ों में बाहरी बाउजी को खुश करने के लिए उन्हें यहाँ अनुमति दी जा रही है, जबकि पहाड़ के पानी के असली हकदार पहाड़ी विभाग, प्रशासन एवं सरकार के इस कृत कार्य के लिए उन्हें कोसते नजर आते हैं। किन्तु उनकी सादगी-गरीबी के आगे बाहरी लोग उनके ही पहाड़ का पानी उनसे ही बोरिंग माध्यम से छीन लेते हैं। भीमताल विधानसभा के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी बताते हैं कि पिछले 10 सालों में भीमताल, रामगढ़, धारी आदि ब्लाकों में बेहिसाब बाहरी लोगों के घरों, होटलों में बोरिंग हुई है जिससे यहां के नौले, जल स्रोत सूख चुके हैं और कई सूखने के कगार पर है, उन्होंने बताया कि अगर स्थानीय लोग इन जल धाराओं की सूखने की जांच कराने के लिए शासन प्रशासन से मांग भी करते हैं तो इन धनपति बाहरी लोगों के सामने जांच करने मे प्रशासन असफल दिखता है। साथ ही उन्होंने कहाँ की पेयजल उपलब्ध कराना विभाग, प्रशासन एवं सरकार का मुख्य दायित्व है किन्तु निजी बोरिंग देने की जगह जल संस्थान विभाग खुद इसे सम्भाले और स्थानीय एवं बाहरी सबको पेयजल उपलब्ध कराए इससे बोरिंग का जाल भी नहीं बिछेगा, विभाग का राजस्व बिल माध्यम से बढेगा और न ही जल धाराओं, स्रोतों, नौलो पर सूखा पड़ेगा, बृजवासी ने इस ओर प्रशासन एवं राज्य सरकार से विशेष कड़ा कानून तैयार कर पूरे पहाड़ में लागू करने कि मांग की है l