उत्तराखंड में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश जारी है। इसी कड़ी में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को चारधाम यात्रा मार्ग पर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके।
उत्तराखंड प्रदेश का करीब 70 फीसदी हिस्सा वन क्षेत्र है। ऐसे में उत्तराखंड प्रदेश में इको पार्क विकसित किए जाने की अपार संभावनाएं हैं। जिसको देखते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी और डीएफओ के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का अधिकांश हिस्सा वन क्षेत्र है। ऐसे में ये वन क्षेत्र प्रदेश की आर्थिकी में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इकोलॉजी (पारिस्थितिकी) का ध्यान रखते हुए इको पार्क तैयार कर स्थानीय लोगों को भी रोजगार दिया जा सकता है। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने जिला अधिकारियों से जिलों के प्रस्ताव की जानकारी भी ली। साथ ही कहा कि प्रदेश के तमाम पर्यटन स्थलों में क्षमता से अधिक पर्यटक आ रहे हैं। ऐसे में पर्यटन स्थलों के आसपास मौजूद खूबसूरत स्थान को इको टूरिज्म के रूप में विकसित कर सकते हैं ताकि पर्यटक इको टूरिज्म का लाभ उठा सके। जिससे मौजूदा पर्यटन स्थलों में अत्यधिक भीड़ नहीं होगी। इसके अलावा नए पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए की चारधाम यात्रा मार्गों के आसपास अधिक से अधिक इको पार्क विकसित किया जाए। लेकिन इको पार्क विकसित करने में कम से कम कंक्रीट और स्टील का इस्तेमाल और ज्यादा से ज्यादा लकड़ी और बांस का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा उधम सिंह नगर कुमाऊं रीजन का मुख्य द्वार है। लिहाजा उधम सिंह नगर के आसपास बहुत सी वाटर बॉडीज हैं जिसको विकसित कर आर्थिकी से जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समय पर पूरे हों इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित किए जाने को कहा।