Sunday, May 19, 2024
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विधिविधान और मंत्रोचार्य के साथ खुले भगवान बद्रीनाधथ के कपाट।

भू बैकुण्ठ प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बुधवार को योगबदरी मंदिर पांडुकेश्वर से कुबेर जी, उद्धव जी की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल बदरीनाथ धाम पहुंच चुके हैं।, वहीं विदि विधान के साथ निर्धारित समय पर कपाचोत्घाटन  किया जाएगा। वहींं यात्रा का हक-हकूकधारियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। प्रात: 7:10 बजे विधि विधान के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके लिए बदरीनाथ धाम को 25 कुंतल फूलों से सजाया गया है। बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है। नृसिंह मंदिर से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ के रावल रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर स्थित योगबदरी मंदिर पहुंचे थे। बुधवार को ब्रह्ममुहूर्त में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने योगबदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
 कुबेर जी और उद्धव जी की प्रतिमाओं को उत्सव डोली में विराजमान कर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। दोपहर करीब दो बजे सभी डोलियां और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचीं। ज्योतिष्पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज भी यात्रा के साथ बदरीनाथ पहुंचे। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सीईओ योगेंद्र सिंह, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, आशुतोष डिमरी, बृजेश सती, प्रकाश रावत, तेजवीर कंडेरी के साथ ही बीकेटीसी कर्मचारियों व तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दी और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और जय बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया। वहीं श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष राकेश बर्त्वाल ने बताया कि मंदिर को गेंदे और ऑर्किट के फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है।

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