Thursday, March 28, 2024
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नैनीताल ब्रेकिंग: आदेश था ध्वस्तीकरण का पूरी हो गयी अवैध पार्किंग तमाम अधिकारियों को दरकिनार कर पैदा हुआ अवैध निर्माण का जिन्न

नैनीताल में आला अधिकारियों का जमावड़ा है लेकिन अवैध निर्माण मामले में सभी चुप्पी साध लेते है , कुछ तो मीडिया से बात भी नहीं करते और कुछ अधिकारी मामला संग्यान में नहीं है कहकर टाल देते है और कुछ निहायती ईमानदार अधिकारी कहते है कि मामला अभी संग्यान में आया है कार्यवाही करेंगे जैसे कि नैनीताल और प्रकृति पर अहसान कर रहे हो ।

मोटी मोटी पगार और सभी तरह की सरकारी सुविधाओं को लेने वाले नैनीताल के अधिकारियों की नाक के नीचे महज कुछ ही मीटर दूर सील किया हुआ अवैध निर्माण ध्वस्त करने के बजाय पूरा हो जाता है आंखिर वो कौन सी घुट्टी है जिसे पीने के बाद अधिकारियों उदासीन हो जाते है ।

कुछ अधिकारी नैनीताल को बाहर से खूबसूरत बनाने में लगे हुए है अच्छी बात है लेकिन अवैध निर्माण को रोकने में पूरी तरह विफल साबित है क्या अब एक वरिष्ठ अधिकारी को ये समझना उचित होगा कि जब भारी भरकम अवैध निर्माण के चलते नैनीताल ही खत्म हो जाएगा तो सरकारी खर्चे पर की गयी सुंदरता का क्या मोल होगा ?

कुछ आला अधिकारी तो छपास रोग से ही ग्रसित है जिन्हे सोशल मीडिया में हीरो बनने का बेहद शौक है और उनका ज़्यादातर समय कैमरा फोकस करने विडियो बनवाने में ही समय खर्च हो जाता है । अगर थोड़ा बहुत समय अफसरशाही और कैमरे से निकलकर नैनीताल से अवैध निर्माण को रोकने और जनता के लिए समर्पण में लगाया होता तो शायद वास्तव में हीरो बन जाते ।

पिछले साल नैनीताल के अति संवेदनशील क्षेत्र और ग्रीन बेल्ट अयारपाटा में नैनी रिट्रीट होटल के द्वारा अवैध पार्किंग बनने की खबर आवाज़ इंडिया ने प्रमुखता से दिखाई थी। जिसके बाद प्राधिकरण को उस जगह पर सील लगानी पड़ी और पार्किंग को ध्वस्त करने के आदेश भी जारी हुए लेकिन खेल देखिये ध्वस्तीकरण के आदेश के बावजूद भारी भरकम अवैध निर्माण करके पार्किंग बना दी जाती है ।
गौरतलब है कि 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका पर नैनीताल में ग्रुप हाउसिंग के साथ ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया था साथ ही प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट उत्तराखंड ने भी ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अवैध निर्माण पर कार्यवाही के निर्देश दिए थे ।
भारी भरकम निर्माण कार्य और योजनाओं की भेंट चढ़ते आज हम सब जोशीमठ को देख रहे है। एक ऐतिहासिक शहर इतिहास के पन्नो में दफन होने जा रहा है। जोशीमठ ही नही बल्कि उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों में धीरे धीरे अतिक्रमण, भारी निर्माण कार्य, जंगलों के कटान कर कंक्रीट का शहर बना दिया गया है। नैनीताल भी इसी तरह इंसानी लालच की भेंट चढ़ता जा रहा है और नैनीताल वासी खामोशी के साथ नैनीताल को खत्म होते देख रहे है । नैनीताल जहां सभी बड़े कार्यालय स्थापित है वहाँ ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट तक के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आज नैनीताल के अस्तित्व को अवैध निर्माण के चलते खतरा पैदा हो गया है जिसके दोषी नैनीताल के वो लालची लोग है जो व्यक्तिगत लालच के चलते अवैध निर्माण करते है और उससे भी कहीं ज्यादा वो अधिकारी दोषी हैं जिन्हें नैनीताल को सुरक्षित रखने के लिए नैनीताल में बाकायदा सारी सुख सुविधाओं से नवाज़ कर स्थापित किया हुआ है ।

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